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Sunday, May 27, 2012

राजपथ पर नए तरह की सैर

यह केवल दिल्ली क्या, किसी भी शहर को देखने का नया अंदाज हो सकता है। महज दो-तीन साल पहले की ही तो बात थी, जब हम नए तरह के इस दोपहिया वाहन के बारे में बातें कर रहे थे। देखते ही देखते यह वाहन न केवल बाजार में उतर आया बल्कि सैलानियों के लिए शहरों की सैर का नया जरिया बन गया। भारत के पहले सेगवे टूर की शुरुआत दिल्ली में हो गई है। अब आप इस नए तरह के दोपहिया यानी सेगवे पर दिल्ली के दिल की सैर कर सकते हैं। बैटरी से चलने वाला यह दोपहिया खुद के और उस पर सवार व्यक्ति के वजन व झुकाव को भांपकर संतुलन को अपने आप बनाए रखने में सक्षम है। बीस किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यह हर उस जगह जा सकता है जहां कोई पैदल यात्री जा सकता है। बस, इस पर खड़े होइए और चल दीजिए। हाल के सालों में दुनिया के कई (लगभग पांच सौ) शहरों में इस तरह के सेगवे टूर प्रचलित हुए हैं, खास तौर पर उन इलाकों में, जहां किसी और तरीके से नहीं जाया जा सकता।


दिल्ली में फिलहाल ये टूर राजपथ इलाके में शुरू हुए हैं। सेगवे पर सवार होकर आप सचिवालय, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, विभिन्न मंत्रालयों की इमारतें, अमर जवान ज्योति और इंडिया गेट की सैर कर सकते हैं। यह टूर कुल 45 मिनट का होता है। एक सेगवे पर एक ही व्यक्ति सवार होता है और एक बार में एक टूर में पांच सैलानी शामिल हो सकते हैं। इसका प्रति व्यक्ति शुल्क लगभग 1600 रुपये है। अभी तो यह केवल नई दिल्ली में है, लेकिन आने वाले समय में पुरानी दिल्ली के इलाकों में भी इस तरह के टूर संचालित किए जाने की योजना है।

इसे दिल्ली के तेजी से बदलते पर्यटन नक्शे के तौर पर देखा जा सकता है। राष्ट्रमंडल खेलों के समय दिल्ली में हो-हो बसें शुरू हुईं। उसके बाद दिल्ली को बाइसाइकिल पर और फिर नई डिजाइन के रिक्शों पर देखने का प्रचलन चला। अब सेगवे इसकी अगली कड़ी है। लेकिन ज्यादा इलाकों में इसे ले जाने के लिए अच्छी सड़कें और अच्छे फुटपाथ, दोनों चाहिए होंगे। इसी वजह से अभी सेगवे टूर केवल सवेरे के समय हैं, जब सड़कों पर ट्रैफिक का जोर शुरू नहीं होता।

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