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Sunday, January 29, 2012

नाव का गंडोला

इंजीनियरिंग का करिश्मा: फॉलकिर्क व्हील

गंडोले में या फेरी व्हील में झूले पर बैठकर ऊपर जाते-नीचे आते तो हम सबने देखा-सुना महसूस किया है, लेकिन यहां हम ऐसे गंडोले की बात कर रहे हैं जिसमें नावें ऊपर-नीचे आती जाती है। स्कॉटलैंड की फोर्थ एंड क्लाइड नहर को 35 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यूनियन नहर से जोडऩे वाला यह गंडोला दुनिया में इंजीनियरिंग के नायाब करिश्मों में से एक माना जाता है। पहाड़ी घाटी में नदियों या नहरों में नावों के आने-जाने के लिए लॉक या लिफ्ट की तकनीक यूरोप में सदियों से रही है। फॉलकिर्क व्हील उसी का उन्नत स्वरूप है। पहले यह काम इस रास्ते पर बने 11 लॉक के जरिये किया जाता था। 1930 में यह लॉक इस्तेमाल में आना बंद हो गए। ग्लास्गो को एडिनबर्ग से फिर जोडऩे की कवायद में इस व्हील की कल्पना रची गई।

यह व्हील एक चक्कर में ऊपर वाली नहर से नाव को उठाकर नीचे और नीचे वाली नहर से नाव को ऊठाकर ऊपर ले जाता है। दुनिया में कई चर्चित बोट लिफ्ट हैं, लेकिन यह दुनिया में अकेली घूमने वाली बोट लिफ्ट है। आर्कीमीडीज के सिद्धांत पर काम करने वाली यह लिफ्ट एक चक्कर महज साढ़े पांच मिनट में पूरा कर लेती है और इस पर चार मिनट में महज डेढ़ किलोवॉट-घंटा की ऊर्जा (जितनी केवल आठ केतली पानी उबालने में खर्च होती है) इस्तेमाल आती है। इस अनूठी चीज को महसूस करने के लिए सैलानियों की आवक कम नहीं। लिहाजा ऊपर से नीचे आने और नीचे से ऊपर आने के दोनों अनुभवों के साथ नहर में एक घंटे का नौकाविहार सैलानी कर सकते हैं।

इस दुनिया से रश्क कीजिए

यह हममें से ज्यादातर के बूते के बाहर की बात है। इसकी कल्पना मात्र विलासिता का चरम आभास देती है। और यह कोई क्रूज जहाज नहीं, जैसा कि तस्वीरों से आभास होता है। बाहर से भले ही यह क्रूज जहाज लगे लेकिन यह पानी पर बसी एक दुनिया है। यह पूरी दुनिया में निजी स्वामित्व वाला सबसे बड़ा निवासीय जहाज है। यानी इसमें लोगों के घर हैं और घर कोई मामूली नहीं। अब घर हैं तो यह जहाज भी कोई शोपीस नहीं। यह जहाज पूरी दुनिया घूमता है। यानी इसके घरों के बाशिंदों को पूरी दुनिया घूमने के लिए अपने घरों से बाहर नहीं निकलना पड़ता। उनके घर पूरी दुनिया घूमते हैं। अब यह कोई आम क्रूज जहाज होता, तो इतने बड़े जहाज में 1800 से ज्यादा यात्री होते। लेकिन चूंकि इसमें स्वीट या कमरे न होकर आलीशान घर हैं, तो लिहाजा इसमें 165 आलीशान निजी लग्जरी अपार्टमेंट हैं।


यह द वर्ल्ड है, और नाम के अनुरूप वाकई एक अलग दुनिया। इसके लग्जरी अपार्टमेंट के मालिक इस दुनिया के निवासी हैं। इस समय इन निवासियों में अमेरिका, यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका व दक्षिण अफ्रीका के लगभग 19 देशों के 130 परिवार शामिल हैं। ये सब लोग इस जहाज के साझा मालिक हैं और यह सब मिलकर तय करते हैं कि जहाज किस समय दुनिया के किस समुद्र को चीरेगा और किस तट को चूमेगा। जानकर हैरानी होगी कि बीते साल इस जहाज ने पचास से ज्यादा देशों की सैर की। अमूमन हर शहर में यह दो से पांच दिन रुकता है। यह जहाज बहामास में रजिस्टर्ड है और फ्लोरिडा से इसका संचालन होता है। इसपर 250 लोगों का क्रू है।

जब मैंने यह लिखा कि यह हममें से ज्यादातर के बूते के बाहर की बात है, तो महज अतिश्योक्ति नहीं थी। जहाज के 165 अपार्टमेंट में से 106 अपार्टमेंट, 19 स्टूडियो अपार्टमेंट और 40 स्टूडियो हैं। कुछ समय पहले तक द वल्र्ड में महज 328 वर्ग फुट के एक स्टूडियो की कीमत 6 लाख अमेरिकी डॉलर (तीन करोड़ रुपये) थी। दो बेडरूम वाले ओशन स्टूडियो की कीमत लगभग 30 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 15 करोड़ रुपये) है। वहीं पांच बेडरूम वाले द वल्र्ड स्वीट की कीमत 1.35 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 67 करोड़ रुपये) है। इतना ही नहीं, इसके निवासियों को जहाज के ईंधन, क्रू, रख-रखाव व मालिक के भोजन खर्च के लिए कम से कम बीस हजार अमेरिकी डॉलर (दस लाख रुपये) हर माह देने होते हैं। इस हिसाब से सालाना मेंटनेंस ही एक करोड़ रुपये से ऊपर का हो जाता है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह किसके हैसियत में है। तिस पर भी कुछ ही परिवार हैं, जो इसे अपना मुख्य घर बनाकर सालभर जहाज पर ही रहते हैं। ज्यादातर लोग साल में तीन-चार महीने का वक्त ही यहां गुजारते हैं। कभी कोई, तो कभी कोई। औसतन डेढ़ सौ निवासी ही इस जहाज पर रहते हैं। इस कीमत पर भी 2002 में पानी में उतरी इस दुनिया के सभी घर 2006 तक बिक चुके थे। हालांकि जो लोग खुद को खुशकिस्मत मानते हों तो अभी कुछ लोग अपने अपार्टमेंट बेचने की फिराक में हैं। हाथ आजमाइगा?